कैसे जानें ताकत शब्दों की
हारवर्ड यूनिवर्सिटी के मनोवैज्ञानिकों के अनुसार , अगर सकारात्मक शब्दों से भरे संदेश दिमाग को दिए जाएं, तो हम बड़े से बड़े दर्द से निपट सकते हैं । वास्तव में इस प्रकार के प्रयोग हो भी रहे हैं । कहते हैं कि जो कुछ भी हम शेअर करते हैं या कहते हैं, उसका प्रभाव सबसे पहले खुद पर ही होता है । समाजशास्त्री रितु सारस्वत कहती हैं "इतिहास गवाह है कि शब्दों ने बड़े से बड़े युद्ध को अंजाम दिया है । यदि द्रौपदी अंधे का पुत्र अंधा न कहती , तो आज महाभारत न हुआ होता ।" बुरे से बुरा और अच्छे से अच्छा प्रभाव और परिणाम पैदा कर सकतें हैं शब्द । जब हम शब्दों का अर्थ समझेंगे तो हमारा लहजा भी खूबसूरत होगा ।
यहाँ पर फ़ारसी साहित्य के महान कवि की बात सटीक लगती है " बारिश की रुनझुन सी कोमल आवाजों को सुनकर खिलते हैं फूल, आंधी तूफान सी कड़कड़ाती गरजती मन को डराती आवाजें ऐसा नही कर सकती।" इसलिये अपने शब्दों को मधुर और प्रभावी बनाने का प्रयत्न करें, और जो भी बोलें सोच समझकर बोले " कि आप के दुआरा कहे शब्दो से सुनने वाले पर इन शब्दों का क्या प्रभाव पड़ेगा ।"
यहाँ पर फ़ारसी साहित्य के महान कवि की बात सटीक लगती है " बारिश की रुनझुन सी कोमल आवाजों को सुनकर खिलते हैं फूल, आंधी तूफान सी कड़कड़ाती गरजती मन को डराती आवाजें ऐसा नही कर सकती।" इसलिये अपने शब्दों को मधुर और प्रभावी बनाने का प्रयत्न करें, और जो भी बोलें सोच समझकर बोले " कि आप के दुआरा कहे शब्दो से सुनने वाले पर इन शब्दों का क्या प्रभाव पड़ेगा ।"
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by sonu singh gautam
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