आजकल सोशल मिडिया साइट्स, बेवसाइट्स, समाचार -पत्रों, मैग्जीन व अन्य पत्र-पत्रिकाओं में आर्टिकल लिखने का क्रेज बढ़ता ही जा रहा है।
लोग आर्टिकल क्यों ज्यादा पसंद करते है ? इस प्रश्न का साधारण और सीधा सा जबाव यह है कि लोग कम समय में, थोड़ा पढ़ते ही, महत्वपूर्ण सूचना व जानकारी प्राप्त करना चाहते हैं ।
और आर्टिकल के मध्यम से वे ऐसा कर भी पाते हैं आर्टिकल का मतलब है किसी विषय की संक्षिप्त किंतु पूर्ण जानकारी देना या किसी समस्या का एक संक्षिप्त किंतु पूर्ण समाधान बताना।
जिस तरह इंसान के जीवन में भाग दौड़ व संघर्ष रहता है, ठीक उसी तरह इंटरनेट पर भी लोग दौड़ते रहते हैं।
वे केवल उसी सूचना या जानकारी को पढ़ते हैं जो उनका मनोरंजन कर सकें या उनकी जिंदगी से किसी प्रकार संबंधित हो या जो उनके नजरिये से महत्वपूर्ण हो।
बेहतर आर्टिकल्स लिखते समय लेखकों को निम्न बातों का ध्यान रखना चाहिए......
1.बेहतर आर्टिकल के लिए बेहतर शीर्षक का चुनाव करें-
आपके पाठकों की पहली पकड़ आपका आकर्षक शीर्षक होता है।
सबसे पहले आपके लेख का शीर्षक ऐसा होना चाहिए कि शीर्षक पढ़ते ही लोगों के मन में उसे पूरा पढ़ने की चाह पैदा होने लगे।
आपके लेख का विषय कितना भी मजबूत हो, परंतु आपका शीर्षक ऐसा नहीं है कि उसे पढ़ते ही लोग आपके लेख को पूरा पढ़ना चाहें, तब अधिकतर लोग आपके शीर्षक को पढ़ते ही बिना आपका लेख पढ़े, आगे बढ़ जायेंगें।
याद रखें आपका शीर्षक यह निर्धारित करता है कि लोग आपके लेख पढ़ेगें या नहीं ।
सर्वप्रथम एक बेहतर शीर्षक का चुनाव करें, जो पाठकों को आपका संपूर्ण लेख पढ़ने को बाधित करे।
सबसे पहले आपके लेख का शीर्षक ऐसा होना चाहिए कि शीर्षक पढ़ते ही लोगों के मन में उसे पूरा पढ़ने की चाह पैदा होने लगे।
आपके लेख का विषय कितना भी मजबूत हो, परंतु आपका शीर्षक ऐसा नहीं है कि उसे पढ़ते ही लोग आपके लेख को पूरा पढ़ना चाहें, तब अधिकतर लोग आपके शीर्षक को पढ़ते ही बिना आपका लेख पढ़े, आगे बढ़ जायेंगें।
याद रखें आपका शीर्षक यह निर्धारित करता है कि लोग आपके लेख पढ़ेगें या नहीं ।
सर्वप्रथम एक बेहतर शीर्षक का चुनाव करें, जो पाठकों को आपका संपूर्ण लेख पढ़ने को बाधित करे।
2.आर्टिकल की शुरुआत की कुछ पंक्ति
अपने लेख की शुरुआत की पंक्तियों में आप पाठक को थोड़ा मोटिवेट करें कि वह इस लेख को पूरा क्यों पढ़े ।
आप अपने लेख में जिन बिन्दुओं पर लिखने वाले हो उनका एक संक्षिप्त विवरण कर सकते हो।
शुरुआत की पंक्तिओं में आप अपने पाठकों को यह बता सकते हो कि यह लेख उनके लिए क्यों महत्वपूर्ण है ?
आप अपने लेख में जिन बिन्दुओं पर लिखने वाले हो उनका एक संक्षिप्त विवरण कर सकते हो।
शुरुआत की पंक्तिओं में आप अपने पाठकों को यह बता सकते हो कि यह लेख उनके लिए क्यों महत्वपूर्ण है ?
3.नपी-तुली रायों व विवादों का प्रस्तुतिकरण –
लेख में हमेशा नपे-तुले शब्द ही प्रयोग करने चाहिए।
पाठक आपके शब्दों से गुमराह हो सकते हैं ।
इस बात का खासा ख्याल रखना चाहिए।
इस बात का खासा ख्याल रखना चाहिए।
इसलिए लेख में लिखी गयी राय या फिर विवादों का प्रस्तुतिकरण गुमराह करने वाला हरगिज न हो, इस बात का ख्याल रखें।
अपने लेख को ज्यादा लंबा लिखने के चक्कर में अपने विषय से न भटकें ।
तो दूसरी तरफ संक्षिप्त करने के चक्कर में महत्वपूर्ण जानकारी लिखना न भूलें । इन दो बातों का विशेष ध्यान रखें ।
तो दूसरी तरफ संक्षिप्त करने के चक्कर में महत्वपूर्ण जानकारी लिखना न भूलें । इन दो बातों का विशेष ध्यान रखें ।
4.विषय का विवरण करते हुये –
याद रखने योग्य बात यह है कि हो सकता है कि आपका शीर्षक उम्दा होने की वजह से पाठक आपके लेख को पढ़ना तो शुरू कर देंगें किंतु अच्छी जानकारी जैसी वह चाहता है, वह नहीं हैं ।
जैसी जानकारी देना का आपने अपने टाईटल/शीर्षक में लिखा है, उससे संबंधित नहीं है तो वह पाठक आगे से आपका कोई भी लेख कभी नहीं पढ़ना चाहेगा।
इसलिए विषय वस्तु से संबंधित और जो जानकारी आपने अपने शीर्षक व शुरुआत की पंक्तिओं में देने का वादा किया वह ठीक वैसी ही बेहतर जानकारी आपके लेख में होना अति महत्वपूर्ण हैं ।
हमें अपने लेख के माध्यम से सलाह तथा सुझावों का प्रस्तुतिकरण करते समय यह सुनिश्चित करें की आप सही सलाह दे रहे हैं ।
जैसी जानकारी देना का आपने अपने टाईटल/शीर्षक में लिखा है, उससे संबंधित नहीं है तो वह पाठक आगे से आपका कोई भी लेख कभी नहीं पढ़ना चाहेगा।
इसलिए विषय वस्तु से संबंधित और जो जानकारी आपने अपने शीर्षक व शुरुआत की पंक्तिओं में देने का वादा किया वह ठीक वैसी ही बेहतर जानकारी आपके लेख में होना अति महत्वपूर्ण हैं ।
हमें अपने लेख के माध्यम से सलाह तथा सुझावों का प्रस्तुतिकरण करते समय यह सुनिश्चित करें की आप सही सलाह दे रहे हैं ।
आपके लेख हमेशा अनुभव पूर्ण ही होना चाहिये। हमेशा यह चयन करें कि आप अपने लेख में क्या दर्शाना चाहते हैं।
एक विशेष अनुभव, एक विशेष व्यक्ति के बारे में, किसी घटना विशेष के बारे में या फिर किसी स्थान-विशेष से संबंधित।
एक विशेष अनुभव, एक विशेष व्यक्ति के बारे में, किसी घटना विशेष के बारे में या फिर किसी स्थान-विशेष से संबंधित।
5.व्यक्तिगत या पर्सनल लैंग्वेज का प्रयोग न करें-
स्वयं की भावुकता या फिर हमें लेख में कभी भी पर्सनल लैंग्वेज का उपयोग नहीं करना चाहिए अन्यथा यह लैंग्वेज आपको आपके विषय वस्तु से भटकाती है।यह ध्यान रखने योग्य बातों में सर्वोपरि है।
लेख के लिए सबसे उचित भाषा होती है, वह सामान्य भाषा जो जिसे लोग आसानी से समझते हों।
साहित्य शब्द व उन शब्दों का प्रयोग न करें जो लोगों का आसानी से समझ में न आयें ।
लेख के लिए सबसे उचित भाषा होती है, वह सामान्य भाषा जो जिसे लोग आसानी से समझते हों।
साहित्य शब्द व उन शब्दों का प्रयोग न करें जो लोगों का आसानी से समझ में न आयें ।
6.अपने अनुभव व जीवन की घटना आर्टिकल में लिखें
अगर आपके लेख के विषय से संबंधित आपके जीवन की कोई घटना या अनुभव है तो उसे संक्षिप्त में लिखना आपके लेख के लिए बेहतर है।
ऐसा करने से लोग व्यक्तिगत रूप से आपसे जुड़ेगें व उन्हें वास्तवित तौर पर आपके दिये सुझाव बेहतर समझ आयेंगें।
ऐसा करने से लोग व्यक्तिगत रूप से आपसे जुड़ेगें व उन्हें वास्तवित तौर पर आपके दिये सुझाव बेहतर समझ आयेंगें।
7.आर्टिकल के अंत में यह लिखें –
अंत में अपने लेख को समराइज करते समय एक बार पुनः विवरण को संक्षिप्त में लिखें ।
लेख के मुख्य संदेश, जानकारी या सलाह पर जोर दें ।
लेख के मुख्य संदेश, जानकारी या सलाह पर जोर दें ।
आपने जिस उद्देश्य से यह लेख लिखा है, अपने पाठकों से वह करने के लिए कहिये।
इन निम्न बातों को याद रखकर एक सफल लेख की शुरुआत कर आप अपनी जानकारी और अनुभव को लोगों तक सही ढंग से पहुँचा सकते हैं। तथा अपनी लेखकीय गतिविधि को एक नया आयाम और राह देकर इसे अपना कैरियर भी बना सकते हो।
by sonu singh gautam
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