सक्सेस पानी है तो छोड़ें अपना कम्फर्ट जॉन
बहुत सारे लोग ऐसे होते है जो बहुत बड़े-बड़े सपने देखते है और बहुत बड़ी-बड़ी ढींगे भी मारते है कि हम ये करेंगे हम वो करेंगे, लेकिन सारे काम कल पर डाल देते हैं। दरअसल में, इस तरह के लोग ज्यादा कुछ कर नहीं पाते है क्योंकि वो अपने कम्फर्ट जोन को कभी छोड़ना ही नहीं चाहते है। ऐसे लोग सिर्फ सपने ही देखते रहते हैं। इसी को ध्यान में रखते हुए आज का हमारा टॉपिक है कैसे छोड़ें अपना कम्फर्ट जॉन.....
इस आर्टिकल में हम आपको बतायेंगे कि कैसे आप अपना कम्फर्ट जोन यानि “अपने आपको सुरक्षित रखने का क्षेत्र” छोड़ सकते है जिसकी बजह से आप अपना काम समय पर नहीं कर पा रहे है या हो सकता है एक बड़ी सफलता के लिए आपने अपनी प्लानिंग कर रखी है परन्तु स्टार्ट करते हुये आपको डर लग रहा है या फिर अपना काम कल पर दाल देते हैं इत्यादि।
दोस्तों , एक सक्सेसफुल बिजनेसमैन और एक आम बिजनेसमैन में सिर्फ एक बड़ा अंतर होता है…
पहला जो अत्यधिक सफल है वो कभी भी अपने आप को कभी भी safe zone में नहीं रखता है अपने बिजनेस को सफल करने के लिए नये-नये तरीको की खोज करता रहता है रिस्क लेने से कभी नहीं डरता है…
“याद रखिये लाइफ में कोई risk ना लेना ही सबसे बड़ा risk होता है”,
तो risk लीजिये किन्तु calculated तरिके से ही...दोनों में फर्क पैदा करें
वही दूसरा आम बिजनेसमैन हमेशा अपने आपको एक सुरक्षित क्षेत्र में रखता है जहाँ उसे ज्यादा काम नहीं करना पड़ता है। कोई भी स्टेप लेने से डरता है कि कही मेरा lose ना हो जाये, कही मेरा कोई नुकसान ना हो जाये… ये सारी बातें उसके दिमाग में रहती है इसलिए वो एक साधारण व्यापारी ही बन पाता है।
अब फैसला आपका करना है कि आपको कैसा बनना है… खास या आम…?
कैसे बहार आये अपने कम्फर्ट जोन से
1) अपने आप को नये माहौल में रखो
कंफर्ट ज़ोन से बहार आने का सबसे अच्छा तरीका होता है आप अपने को एक अलग माहौल में रखे। अपने से अच्छे लोगों से मेल जॉल बढ़ाएं। दोनों में फर्क पैदा करें और देखें की वो आपसे क्यू बेहतर हैं । जैसे परिस्तिथियों में अब तक आप रह रहे है उसे तुरंत चेंज कर ले… जैसा आपको बनना है कुछ उस तरह का माहौल पसंद करे… कुछ उस तरह के लोगो से मिले जो आप करना चाहते है वो लोग कर चुके हो या कर रहे हो ये बेहतर रहेगा आपके लिए ।
2) पहला कदम
किसी भी सफलता के लिए पहला स्टेप लेना बहुत जरुरी होता है, किन्तु पहला कदम उठाना इतना आसान भी नहीं होता है बहुत सोच समझकर कदम आगे बढ़ाना होता है…क्यूंकि उसी पर हमारी प्लानिंग और लाइफ निर्भर करती है। आपको ये स्टेप लेना होगा अगर आपको अपनी एक अलग पहचान बनानी है तो…अपने आपको अपने कम्फर्ट जोन से बहार लाना होगा और बहुत मेहनत करनी होगी सफल पाने के लिये।
3) फैसला करें
कम्फर्ट जोन से बहार आने का ये मतलब भी नहीं होता है कि आप बिना सोचे समझे कोई भी स्टेप ले ले और बाद में पछताना पढ़े ऐसा कतई ना करे… जो आपको हासिल करना है उसकी अच्छे से विश्लेषण कर ले, कैसे करना है कब करना है… किन-किन साधनों कि आवश्यकता पड़ेगी क्या-क्या मेरे पास है और क्या मुझे बहार से लेना पड़ेगा। किसी से मदद कि जरूरत होगी या नहीं अगर हाँ तो कैसे और कब और किसकी जरुरत होगी ये सब प्लान आपके लिस्ट में साफ़-साफ़ लिखा होना चाहिए तभी आप अपना कम्फर्ट ज़ोन छोड़े।
4) तरीका यूनिक हो सफलता पाने का
मान के चले दो आदमी है उनकी मंजिल एक ही है किन्तु उस मंजिल तक पहुँचने के बहुत सारे रास्ते होते है… एक बहुत आसान तरीका होता है मंजिल तक पहुँचने का किन्तु काफी लंबा होता है यानि सक्सेस देर से मिलती है क्योंकि उस रास्ते पर आप अपने कम्फर्ट ज़ोन से बहार नहीं आते है.
किन्तु एक थोड़ा रिस्की होता है जो आपको कम्फर्ट जोन से बहार निकलने को मजबूर करता है लेकिन मंजिल तक पहुँचने का वो नया रास्ता होता है और शायद कम समय भी लगता है जो सिर्फ आपने आपमें बल पर खोज कर निकाला है बाद में इस रास्ते को और लोग भी अपनाते है किंतु उसका श्रेय सिर्फ आपको जाता है क्योंकि आपने ही वो तरीका निकाला है।
5) सुरक्षित विकल्प का चुनाव ना करे
सफलता ऐसे ही किसी को बाजार में नहीं मिलती इसके लिए काफी मेहनत करनी पड़ती है। जब कोई भी विकल्प आपको चुनना हो तो सरल विकल्प ना चुने क्योंकि कोई भी काम सरल नहीं होता है। सरल विकल्प के साथ जाने से सरल ही सफलता मिलती है… कहने का मतलब है “जितना गुड़ डालेंगे उतना ही मीठा होगा” ये कहावत तो हम सबने अच्छे से सुनी है… इसलिए जो ऑप्शन थोड़ा मुश्किल नजर आता है जिसमे थोड़ा डर लगता है उसी ऑप्शन के साथ जाना चाहिए…क्यूंकि इस रास्ते पर बहुत कम लोग चलना चाहते हैं और आज की दुनिया में जहाँ कम लोग वहां सफलता के चांस ज्यादा रहते हैं। और फिर “डर के आगे जीत भी तो है”.
6) बढ़ाएं सेल्फ कॉन्फिडेंस
जो लोग अपने सुरक्षित एरिया से बहार आकर काम करते है या करना चाहते है उन्हें एक काम तो भली-भाँति पता होना चाहिए…हमेशा कुछ न कुछ नया सीखते रहें। कोई भी काम हो आप उसे पहली बार में मना ना करे ज्यादातर हाँ ही कहे क्योंकि कोई भी काम हो आप कर सकते है अगर आप dedicated है और एक calculated रिस्क लेना जानते है तो कभी भी किसी काम को ना मत करो… कुछ ना कुछ सिखने को जरूर मिलेगा जो भविष्य में आपके काम ही आयेगा। ऐसा करने से आपका सेल्फ कॉन्फिडेंस बना रहेगा।
7) याद रहे हर दिन इतिहास बनता है
रोजाना हम काम करते है, कभी खुश होते है कभी-कभी उदास भी होते है…कभी आपका दिन अच्छा जायेगा और कभी थोड़ा बहुत ख़राब भी हो सकता है किंतु याद रहे एक नया दिन अपने साथ नई शुरुआत लाता है अगर आज आपका दिन थोड़ा बढ़िया नहीं गया तो कोई बात नहीं ये भी जरुरी है क्योंकि ये आपको आपके कम्फर्ट ज़ोन से बहार आने में भी मदद करता है।
by sonu singh gautam
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