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Tuesday 23 May 2017

छेड़छाड़ के लिये आमंत्रित हो

चुनाव आयोग ने 3 जून को विभिन्न राजनितिक दलों को ईवीएम मशीन हैक करने की चुनौती दी है जिसमें उसने अनेक शर्तें लगाईं है मसलन केवल राजनितिक दलों के ही प्रतिनिधि होने चाहिए , भारत का नागरिक ही होना चाहिए और इसके लिए दलों को मशीन नहीं दी जाएगी बल्कि जहाँ चुनाव आयोग चाहेगा वहीँ मशीन रखी जाएगी, मशीन को खोलने की अनुमति  नहीं होगी इसके अलावा चार घंटे का समय दिया जाएगा | 
     बहुत खूब जैदी साहब के नेतृत्व वाले चुनाव आयोग , इन शर्तों से आप इन मशीनों की शुचिता साबित करने की कोशिश कर रहे हैं जबकि इससे आयोग और भी अधिक संदेह के घेरे में आ रहा है | क्या पिछले चुनाव में मशीनें हैक करने वालों ने इन शर्तों के तहत मशीनें हैक कराई होंगी ? क्या भारत के राजनितिक दलों के लोग इतने बड़े एक्सपर्ट हैं कि वे मशीनों को हैक कर सकें बल्कि यह काम केवल एक्सपर्ट ही कर सकते हैं दूसरा हैकरों के भारतीय नागरिक होने की शर्त भी बेमानी है क्योंकि यह काम करवाने वालों ने अति विशिष्ट सुपर एक्सपर्ट्स लोगों को इस काम को करने की जिम्मेदारी दी होगी सामान्य जन को नहीं | इसके अलावा आयोग ने इतना अधिक समय इसलिए लिया है कि वह अपनी मशीनों को दुरुस्त कर सके और इस तरह का सिस्टम विकसित कर सके जिससे बाहर से मशीनों से छेड़छाड़  करने पर मशीने बंद हो जाएँ | आयोग यह किसके निर्देशों पर कर रहा है यह कहने की आवश्यकता नहीं |
     लोकतंत्र का आधारभूत सिद्धांत है कि चुनाव निष्पक्ष होने चाहिए और लोगों की आस्था चुनावों तथा लोकतंत्र पर बनी रहनी चाहिए जबकि इन चुनावों के बाद आम लोगों को चुनाव करवाने वाली संस्था पर ही शक होने लगा है यह लोकतंत्र के लिए बहुत बड़ी चुनौती है ; इस बात को हमारा आयोग समझ नहीं पा रहा है | आयोग द्वारा की जाने वाली इस लीपापोती के क्या कारण हैं ? जैदी साहब सहित आयोग के सदस्यों के क्या हित मोदी सरकार के साथ हैं ? इन प्रश्नों की अहमियत बहुत अधिक है क्योंकि जब चुनाव ही प्रायोजित होंगे तो लोकतंत्र के फिर क्या मायने हैं ?
       चुनाव आयोग को चाहिए कि वह एक्सपर्ट्स को आमंत्रित करे अपनी मशीन हैक करने के लिए , उसमें केवल देशी एक्सपर्ट्स होने की शर्त खत्म करे क्योंकि अगर आपकी मशीन हैक नहीं हो सकती तो फिर विदेशी एक्सपर्ट्स से डर किस बात का है ?
      लोकतंत्र की रक्षा और निरंकुशता पर अंकुश लगाने के लिए चुनावों को निष्पक्ष होना ही चाहिए अन्यथा देश गहरे संकट में फंस जाएगा |हम जिन लोगों की आस्था लोकतंत्र के प्रति है उन सभी लोगों की मांग है कि चुनाव केवल बैलेट पेपर से ही करवाएं जाएं जिससे मशीनों पर छेड़छाड़ या हैक करने के आरोप ही न लगें | इस तरह चुनाव पर जो कागज का खर्चा आएगा उसे आज हमारा देश अफोर्ड कर सकता है और चुनावों के बैलेट छपवाने भर से धरती का पर्यावरण नष्ट नहीं होने वाला बल्कि एक दिन के बिकाऊ पेपरों के कागज से भी कम कागज से भारत में चुनाव सम्पन्न हो जाएंगे |
   
हमारी अंतिम मांग इन मशीनों पर प्रतिबन्ध है |

EVM हटाओ लोकतंत्र बचाओ इसके अलावा कुछ भी स्वीकार नहीं ....

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