अगर आपको किताबे पढ़ना और अपने मन की बात को डायरी में लिखना पसंद है तो लेखन एक बहुत अच्छा विकल्प है और आप लेखन में अच्छा करियर बना सकते है, आप इसमें खूब सारे पैसे भी कमा सकते है। आज हम आपको एक ऐसे स्क्रिप्ट राइटर बारे में बताने जा रहे हैं, जिन्होंने अपने लेखन से टीवी इंडस्ट्री में अपनी अलग पहचान बनाई हैं। आज हम बता रहें हैं इनके शुरूआती अनुभवो को,
राइटिंग स्किल में कैसे बनाए ब्राइट करियर :-
राइटिंग स्किल में कैसे बनाए ब्राइट करियर :-
आजमगढ़ के रहने वाले कल्याण आर गिरी महज 25 वर्षीय, टीवी इंडस्ट्री में स्क्रिप्ट राइटर बनकर काफी लोकप्रिय हो गए हैं। इन्होंने टीवी सीरियल ”मन में विश्वास हैं” से आज अपनी एक अलग पहचान बनायी हैं। महज 6 वर्षो में उन्होंने यह सफलता पायी हैं। आज घरवाले भी उनकी कामयाबी से काफी खुश हैं। लेकिन एक समय ऐसा भी था, जब उन्होंने स्क्रिप्ट राइटिंग में करियर बनाने का मन बनाया, तो उनके घरवाले खुश नहीं थे और उनके स्पोर्ट में भी नही थे।
कल्याण कहते हैं –
मैं जब 6th क्लास में था, तभी मेरी संगत अपने से कुछ बड़े उम्र के शायरों के साथ हो गयी थी। मैं जब अकेलापन महसूस करता था, तो लिखना शुरू कर दिया करता था। कविताये लिखता था, शायरी लिखता था। हालाँकि घरवालो से छुप-छुपकर यह सब करता था, क्योंकि गाँव-घर में कविताये और शेरो-शायरी लिखने वालो को आवारा समझा जाता था। फिर एकदिन हिम्मत जुटाकर जब मैंने घरवालो से राइटिंग में करियर बनाने की बात कही, तो सभी नाराज़ हो गए। कहने लगे कि एमए-पीएचडी करके लोग पैसा हे नहीं कमा पा रहे हैं, तो तुम राइटिंग करके क्या कमा लोगे। लेकिन मैं निराश नहीं हुआ। विरोध के बावजूद मैंने स्क्रिप्ट राइटिंग में कोर्स करने कि ठान ली और ग्रेजुएशन कि पढ़ाई बीच में ही छोड़कर दिल्ली चला गया। वहाँ स्क्रिप्ट राइटिंग में एक संस्थान से एक महीने का टेक्निकल कोर्स किया और फिर मुम्बई चला गया।
करें वही जो मन कहे
आज के युवाओ की सोच फ़ास्टफ़ूड जैसी हो गयी हैं। तुरंत बनाओ और तुरंत खाओ जैसी सोच रखते हैं। इस डर से मन मारकर कोई भी काम करने लगते हैं। मैं कहता हूँ, कोई भी काम करो, मजे लेकर करो। जब मन लगाकर करेंगे, तो कामयाबी ज़रूर मिलेगी। स्क्रिप्ट राइटिंग मेरा पैशन था, इसलिए इसे मैंने अपना करियर बनाया। लिखने का मुझमे इतना जूनून हैं कि मैं जब खुश रहता हु तो भी लिखता हूँ और दुखी रहता हु तो भी लिखता हूँ। कहने का मतलब हैं की अपने सपनो को पूरा करने के लिए छोटी-मोटी दिक्कतों से न घबराएं और अपने लक्ष्य की ओर बढ़ते रहें ।
थोड़ा पैशन है जरुरी
लेखन के लिए क्रिएटिविटी का होना बहुत जरूरी है। लेकिन सिर्फ कोर्स करके ही इसे नहीं सीखा जा सकता। कोर्स में तो सिर्फ राइटिंग की टेक्निकल चीजे बता दी जाती है, लिखने का तौर-तरीका बताया जाता है। लेकिन यह काम बगैर पैशन के नहीं होने वाला है। ऐसा नहीं है की सिर्फ उची पढाई करके ही यह काम कर सकते है। बस, अच्छा लिखना आना चाहिए। आपकी स्टोरी कहने का ढंग रोचक होना चाहिए। लेकिन इसके लिए हमेशा पढ़ते रहना भी जरुरी है। बड़े साहित्यकारों और लेखकों की किताबे पढ़े। देश-विदेश की फिल्मे देखे, ताकि पता रहे क्या कुछ हो रहा है। साथ में आपको ऑफ़बीट सोचना होगा। अगर बॉलीवुड का ग्लैमर देखकर इस फील्ड में आ रहे है और यह सोच रहे है की रोज हीरो-हेरोइन से मिलने का मौका मिलेगा और खूब पैसा कमाएंगे, तो आप गलती कर रहे है। इस फील्ड में भी संघर्ष कम नहीं है, बहुत मेहनत करनी पड़ती है। नहीं तो तमाम लोगो की तरह इधर-उधर में ही जीवन कट जायेगा। इसलिए अगर आपको राइटिंग करनी है, तो इसी पर फोकस करके आगे बढ़ना होगा।
टैलेंट से निखारे अपनी राइटिंग स्किल को
फिल्म और टीवी की स्क्रिप्ट राइटिंग इतनी आसान नही है। यहाँ पर अच्छी तैयारी करके आए, खूब पढ़ के आए। अगर आपमें टैलेंट है तो आप आगे जरूर जायेंगे। मेरा तो यही सुझाव है की जो इस फील्ड में आना चाहते है, पहले तो आइएफटीआइ जैसे किसी संसथान से स्क्रिप्ट राइटिंग का एक फार्मूला कोर्स करले। इसके अलावा सीरियल और फिल्मे खूब देखें, बड़े राइटर्स की बुक पढ़े। आज कल तो इन्टरनेट पर ही लेखकों के लेख मिल जाते है, इनसे सीखे और अपना राइटिंग स्किल बढ़ाए। मैंने खुद सुरुवाती दिनों में सीएल सैनी, शांति भूषण जैसे कई बड़े टीवी राइटर के साथ असिस्टेन्ट के तौर पर काम किया। फिर जाकर ” मन में विश्वास है ” सीरियल की स्क्रिप्ट लिखने का मुझे मौका मिला। यह सब सीखने में 5-6 साल लग गए। लेकिन अब काम आता है, तो लोग पूछते है।
कोर्स एवं योग्यताएं
पुणे स्थित इंडियन फिल्म एंड टेलीविजन इंस्टिट्यूट (आइएफटीआई) में स्क्रीनप्ले राइटिंग के तहत दो कोर्स है।
एक तीन वर्षीया पोस्ट ग्रेजुएशन डिप्लोमा इन डायरेक्शन एंड स्क्रीनप्ले राइटिंग का कोर्स है और दूसरा एक वर्षिय पोस्ट ग्रेजुएशन डिप्लोमा इन फीचर फिल्म स्क्रीनप्ले राइटिंग का है। इसी तरह इगनू में भी क्रिएटिव राइटिंग के कोर्स संचालित हो रहे है। कई संस्थानों में मास कम्युनिकेशन कोर्स के अन्तर्गत भी कॉपी राइटिंग की जानकारी दी जाती है। इसके लिए योग्यता ग्रेजुएशन होनी चाहिए, जबकि मास कम्युनिकेशन कोर्स के लिए बारवी पास होना बहुत जरुरी है।
एक तीन वर्षीया पोस्ट ग्रेजुएशन डिप्लोमा इन डायरेक्शन एंड स्क्रीनप्ले राइटिंग का कोर्स है और दूसरा एक वर्षिय पोस्ट ग्रेजुएशन डिप्लोमा इन फीचर फिल्म स्क्रीनप्ले राइटिंग का है। इसी तरह इगनू में भी क्रिएटिव राइटिंग के कोर्स संचालित हो रहे है। कई संस्थानों में मास कम्युनिकेशन कोर्स के अन्तर्गत भी कॉपी राइटिंग की जानकारी दी जाती है। इसके लिए योग्यता ग्रेजुएशन होनी चाहिए, जबकि मास कम्युनिकेशन कोर्स के लिए बारवी पास होना बहुत जरुरी है।
इसमें करियर स्कोप
आज स्कोप इसमें बहुत अच्छा है। जो आपको यहाँ मिल सकता है, कोई सरकारी नौकरी नहीं दे सकती। पैसा,शोहरत और नाम सब कुछ यहाँ है। इसमें स्कोप इसलिये भी बढ़ रहा है क्योंकि रोज़ नए-नए चैनल्स आते रहते है। नए-नए सिरियल्स बन रहे है। फिल्मे बन रही है, नए डायरेक्टर्स आ रहे है। सभी को स्क्रिप्ट राइटर्स चाहिए। इसके अलावा, कई और भी दूसरे स्कोप है इस फील्ड में, जैसे की पत्र-पत्रिकाओ में कंटेंट राइटिंग, घोस्ट राइटिंग, वेब सीरीज राइटिंग, यूट्यूब चैनल राइटिंग, इवेंट राइटिंग तथा ऑनलाइन राइटिंग इत्यादि। राइटर्स की सबसे ज्यादा जरुरत ऐड कंपनियों और कॉरपोरेट कंपनियों को है, जो टीवी और पत्र-पत्रिकाओ के लिए विज्ञापन की पंचलाइन लिखते हैं। ये कंपनियां क्रिएटिव राइटिंग के लिए इन्हें बकायदा अपने यहाँ हायर करती हैं।
इसमें कमाई है बहुत
स्क्रिप्ट राइटिंग में कमाई की कोई सीमा नहीं है।यह आपके टैलेंट पर निर्भर करता है। फिर भी आप शुरुआत में असिस्टेंट के तौर पर 50-60 हज़ार रुपये महीना तक काम सकते हैं। अनुभव बढ़ने पर अगर आपका एक टीवी सीरियल भी हिट हो गया, तो रातों-रात करोड़पति भी बन सकते हैं।
by sonu singh gautam |
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