.... जो गुजर गया उसके बारे में मत सोचो और भविष्य के सपने मत देखो केवल वर्तमान पे ध्यान केंद्रित करो ।
*– गौतम बुद्ध*
.... आप पूरे ब्रह्माण्ड में कहीं भी ऐसे व्यक्ति को खोज लें जो आपको आपसे ज्यादा प्यार करता हो, आप पाएंगे कि जितना प्यार आप खुद से कर सकते हैं उतना कोई आपसे नहीं कर सकता।
*– गौतम बुद्ध*
.... स्वास्थ्य सबसे बड़ा उपहार है, संतोष सबसे बड़ा धन और विश्वास सबसे अच्छा संबंध।
*– गौतम बुद्ध*
.... हमें हमारे अलावा कोई और नहीं बचा सकता, हमें अपने रास्ते पे खुद चलना है।
*– गौतम बुद्ध*
.... तीन चीज़ें ज्यादा देर तक नहीं छुपी रह सकतीं – सूर्य, चन्द्रमा और सत्य
*– गौतम बुद्ध*
.... आपका मन ही सब कुछ है, आप जैसा सोचेंगे वैसा बन जायेंगे ।
*– गौतम बुद्ध*
.... अपने शरीर को स्वस्थ रखना भी एक कर्तव्य है, अन्यथा आप अपनी मन और सोच को अच्छा और साफ़ नहीं रख पाएंगे ।
*– गौतम बुद्ध*
.... हम अपनी सोच से ही निर्मित होते हैं, जैसा सोचते हैं वैसे ही बन जाते हैं। जब मन शुद्ध होता है तो खुशियाँ परछाई की तरह आपके साथ चलती हैं ।
*– गौतम बुद्ध*
.... किसी परिवार को खुश, सुखी और स्वस्थ रखने के लिए सबसे जरुरी है अनुशासन और मन पर नियंत्रण अगर कोई व्यक्ति अपने मन पर नियंत्रण कर ले तो उसे आत्मज्ञान का रास्ता मिल जाता है ।
*– गौतम बुद्ध*
.... क्रोध करना एक गर्म कोयले को दूसरे पे फैंकने के समान है जो पहले आपका ही हाथ जलाएगा ।
*– गौतम बुद्ध*
.... जिस तरह एक मोमबत्ती की लौ से हजारों मोमबत्तियों को जलाया जा सकता है फिर भी उसकी रौशनी कम नहीं होती उसी तरह एक दूसरे से खुशियाँ बांटने से कभी खुशियाँ कम नहीं होतीं ।
*– गौतम बुद्ध*
.... इंसान के अंदर ही शांति का वास होता है, उसे बाहर ना तलाशें ।
*– गौतम बुद्ध*
.... आपको क्रोधित होने के लिए दंड नहीं दिया जायेगा, बल्कि आपका क्रोध खुद आपको दंड देगा ।
*– गौतम बुद्ध*
.... हजारों लड़ाइयाँ जितने से बेहतर है कि आप खुद को जीत लें, फिर वो जीत आपकी होगी जिसे कोई आपसे नहीं छीन सकता ना कोई स्वर्गदूत और ना कोई राक्षस ।
*– गौतम बुद्ध*
.... जिस तरह एक मोमबत्ती बिना आग के खुद नहीं जल सकती उसी तरह एक इंसान बिना आध्यात्मिक जीवन के जीवित नहीं रह सकता ।
*– गौतम बुद्ध*
.... निष्क्रिय होना मृत्यु का एक छोटा रास्ता है, मेहनती होना अच्छे जीवन का रास्ता है, मूर्ख लोग निष्क्रिय होते हैं और बुद्धिमान लोग मेहनती ।
*– गौतम बुद्ध*
.... हम जो बोलते हैं अपने शब्दों को देखभाल के चुनना चाहिए कि सुनने वाले पे उसका क्या प्रभाव पड़ेगा,
अच्छा या बुरा ।
*– गौतम बुद्ध*
.... आपको जो कुछ मिला है उस पर घमंड ना करो और ना ही दूसरों से ईर्ष्या करो, घमंड और ईर्ष्या करनेवाले लोगों को कभी मन की शांति नहीं मिलती ।
*– गौतम बुद्ध*
.... अपनी स्वयं की क्षमता से काम करो, दूसरों निर्भर मत रहो ।
*– गौतम बुद्ध*
..... असल जीवन की सबसे बड़ी विफलता है हमारा असत्यवादी होना ।
*– गौतम बुद्ध*
by sonu singh gautam
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